मुहब्बत में उड़ी थी जो ख़ाक की खुशबू,
मुहब्बत में उड़ी थी जो ख़ाक की खुशबू,
ख़्वाबों में बेचैन आंखें, बस अख़बार हो गई
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
मुहब्बत में उड़ी थी जो ख़ाक की खुशबू,
ख़्वाबों में बेचैन आंखें, बस अख़बार हो गई
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”