मुहब्बत का महबूब शायर
आज की रात तो
मुझे नींद नहीं आएगी
कल होते ही सुबह
डोली उसकी जाएगी…
वह ग़ैर के घर को
करने के लिए रोशन
अपनी ही दुनिया में
आग ख़ुद लगाएगी…
बेताब दिल को
घबराके थाम लेगी वह
बदलती रूत उसे
कुछ याद जब दिलाएगी…
कोई बताए ज़रा
सब्र आख़िर मैं कैसे करूं
एक मूर्दा रस्म हमें
ख़ाक़ में मिलाएगी….
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)
#BrokenHeart