मुस्कुराकर देखिए /
आपका
मनमीत हूँ मैं
मुस्कुराकर देखिए ।
आईए खुलकर हवा में,
फूल , पत्तों की सभा में,
डालियों पर हिल रहा जो,
फुनगियों पर खिल रहा,वो
पंछियों
का गीत हूँ मैं
गुनगुनाकर देखिए ।
खोलिए खिड़की जरा-सी,
भूलकर झिड़की जरा-सी,
आँख में है पल रही जो,
आ अधर पर,छल रही जो
वो हृदय
की प्रीत हूँ मै
गुदगुदाकर देखिए ।
घोंसले से निकल बाहर,
चूमिए नव-गगन सुन्दर,
आँख में जो कसमसाती,
पंख में जो फड़फड़ाती,
वो तुम्हारी
जीत हूँ मैं
थपथपाकर देखिए ।
आपका
मनमीत हूँ मैं
मुस्कुराकर देखिए ।
०००
—- ईश्वर दयाल गोस्वामी
छिरारी (रहली),सागर
मध्यप्रदेश-470227
मो.- 8463884927