मुस्कराता चेहरा
ज़माने को दिखता है मुस्कुराता चेहरा
अकेले में रहता है आंसू बहाता चेहरा
ये भी क्या जरूरी है के
हम सोग का जश्न
मनाए
देखते है कैसा होता है
दुख में बदलता चेहरा
काश के उस को मेरा
खयाल ही आ जाता
किसी लम्हा
उस का भी मैं देखती
एहसास से मलमलाता चेहरा
क्या हुआ हम
जो अकेले पढ़ गये है
तुम नहीं साथ तो
साथ तन्हाई में होगी
तुम्हारी याद
सोच कर यही बात नहीं
घबराता चेहरा
इस दुनिया मे आए
अकेले
जाएंगे भी अकेले
जिस ने जब
तक साथ दिया
उसका बहुत शुक्रिया
इसलिए हम तो
रखेगे
मुस्कराता चेहरा