मुसीबत
बता कर नहीं आती मुसीबत
इतना तू भी जान ले आज
आज उसके ऊपर बीत रही है
जाने कल किसका नंबर पड़ा है
घर जल रहा है उसका
तुम तमाशा मत देखो
घर में तेरे भी जलने वाला
कुछ सामान पड़ा है
आंसुओं पर उसके तुम
कभी हंसना नहीं दोस्तों
आंखों में तुम्हारी भी
आंसुओं का पिटारा पड़ा है
आज किस्मत उसकी बुरी है
जो सपना उसका जल रहा है
नहीं कल का किसी को पता
काल हमेशा पीठ पीछे खड़ा है
हो संजीदा जो दिखाओ भी
उसका दिल तुम बहलाओ भी
बांटो दुःख उसके तुम कभी
दिखाओ तुम्हारा दिल बड़ा है
किसी के दुःख में कैसी खुशी
दूसरों की खुशी में खुशी ढूंढ
जो कर पाओगे ऐसा तुम तो
तुम्हारा ये फैसला ही बड़ा है।