मुसाफिर का शेर……!!!!
यूं ना तू मुझको रुक कर देख ,2
मै मुसाफिर ही हूं, कहीं तुझसे आगे ना निकल जाऊं।।।।
पागल ही हूं मै ये तुझे पता होगा,2
आज ही पागलखाने से, तेरी तस्वीर बना कर आया हूं।।।
(बस जरा मनोरंजन के लिए लिखे है शायरी , मेरे मन में ऐसा कुछ भी नहीं है।। ???)