मुश्किल में हैं हल सोचेंगे
मुश्किल में हैं हल सोचेंगे
आज नहीं तो कल सोचेंगे
छप्पर का भी नहीं ठिकाना
कैसे ताज-महल सोचेंगे
बड़ा नहीं है मुझसे कोई
ऐसा तो पागल सोचेंगे
वे भी हो जाएंगे पागल
भाई जो हर पल सोचेंगे
धोखा देना जिनकी आदत
वे तो केवल छल सोचेंगे
पाएंगे ‘आकाश’ नहीं कुछ
जो बैठे ही फल सोचेंगे
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 20/08/2021