मुश्किलों में हूँ
कट रही है जिंदगी कोरोना के दौर में ,कुछ सोच रहे हैं कि मैं ज़लज़लों में हूँ।
बनाएं हैं मैंने भी अपने अनगिनत ,ग़ैरों को क्या पता कि मैं कितने दिलों में हूँ।
गर दुआएँ काम करती है तो कीजियेगा सिद्धार्थ,
मैं आजकल ज़रा मुश्किलों में हूँ |।