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7 Dec 2023 · 1 min read

मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हूँ मैं ।

मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हूँ मैं ।
मंजिल से जरा कह दो, अभी पहुँचा नहीं हूँ मैं ॥
कदमों को बांध ना पांएगी, मुसीबत की जंजीरें ।
रास्तों से जरा कह दो, अभी भटका नहीं हूँ मैं ॥
सब्र का बाँध टूटेगा, तो फना कर दूँगा सबको ।
दुश्मनों से जरा कह दो, अभी गरजा नहीं हूँ मैं ॥
दिल में छुपा रखी है, लड़कपन की चाहतें ।
दोस्तों से जरा कह दो, अभी बदला नहीं हूँ मैं ॥
साथ चलता है, दुआओं का काफिला ।
किस्मत से जरा कह दो, अभी तनहा नहीं हूँ मैं ॥

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