मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हूँ मैं ।
मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हूँ मैं ।
मंजिल से जरा कह दो, अभी पहुँचा नहीं हूँ मैं ॥
कदमों को बांध ना पांएगी, मुसीबत की जंजीरें ।
रास्तों से जरा कह दो, अभी भटका नहीं हूँ मैं ॥
सब्र का बाँध टूटेगा, तो फना कर दूँगा सबको ।
दुश्मनों से जरा कह दो, अभी गरजा नहीं हूँ मैं ॥
दिल में छुपा रखी है, लड़कपन की चाहतें ।
दोस्तों से जरा कह दो, अभी बदला नहीं हूँ मैं ॥
साथ चलता है, दुआओं का काफिला ।
किस्मत से जरा कह दो, अभी तनहा नहीं हूँ मैं ॥