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1 Oct 2023 · 1 min read

“मुशाफिर हूं “

“मुशाफिर हूं ”

मिलना बिछड़ना है रीत यही,
मुझे यादों में यूं न बसाना।
मुशाफिर हूं गुजरे हुए शाम की तरह,
चलते मुशाफिरों से दिल न लगाना।।

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