मुल्क दहल जायेगा
दौर-ए-गर्दिश तो’ इक दिन बदल जायेगा
लड़खड़ाता कदम भी सँभल जायेगा
आज लड़ने लगें मुश्किलों में अगर
मुल्क मेरा यकीनन दह़ल जायेगा
©
शरद कश्यप
दौर-ए-गर्दिश तो’ इक दिन बदल जायेगा
लड़खड़ाता कदम भी सँभल जायेगा
आज लड़ने लगें मुश्किलों में अगर
मुल्क मेरा यकीनन दह़ल जायेगा
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शरद कश्यप