मुलाकात
फिर उनसे आज मेरी मुलाकात हो गयी!
ख्वाबो में सही उन से मेरी बात हो गयी!
न मैंने कुछ कहा था न उसने कुछ कहा!
दोनों हाथ पकड़ चलते रहे रात हो गयी!
जब याद आये किस्से हमको वो पुराने!
आँखों से मेरे बूंदो की बरसात हो गयी!
एक रोज़ अकेले में मुलाक़ात हुई उनसे!
आँखों ही आँखों में उन से बात हो गयी!
ढूँढते फिर रहे है हम जिनको दर बदर!
इत्तेफ़ाक़ से ही सही मुलाकात हो गयी!
बस देखते ही उनको कही खो रहे है हम!
शायद ये मेरे इश्क़ की शुरुआत हो गयी!
?-AnoopS©
29 Nov 2019