मुलाकात
चलो आज फिर ,
मुलाकात करते है।
दो पल बैठ कर ,
दिल की बात करते है।
कितने सपने ,कितने वादे,
लेकर तुम तुम आये थे।
काटे हटाकर पथ में,
फूल बिछाये थे।
कहते थे साथ रहेंगे हरदम,
सुख हो याहो दुःख की परछाई।
आज भीड़ में डस रही,
मुझको मेरी ही तन्हाई।
मन उदास है,
आँखे बरसात करते है।
चलो आज फिर,
मुलाकात करते।
दो पल बैठकर,
दिल की बात करते है।
सुनील पासवान कुशीनगर