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14 Dec 2021 · 1 min read

मुलाकात

लगता है तुम्हें, प्यार की भाषा कम समझ आने लगी है,
हर उम्मीद , हबीब बनकर जिंदगी में उतरने लगी है,
अब भी चाहो तो, मैदान खाली है, उतर आओ मेरी जिंदगी में,
मुसाफिर है हम भी, एक बार गुजर गये तो, फिर मुलाकात हो ना हो.

महेन्द्र सिंह हंस

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 517 Views
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