मुलाकात
नये साल का दूजा महिना,
प्यार भरी मुलाकात लिखुं….
तेरे प्यार का ईसा नशा,
ले कागज पे दो बात लिखुं….
पूनम जैसी हुई चांदनी,
दिन को दिन या रात लिखुं….
पृेम डोर मे ऐसे बांधे,
बिन थाने हवालात लिखुं….
भर आये खुशियों से नैना,
बिन बादल बरसात लिखुं….
माना की कांटो का पथ हे,
फिर भी जीवन भर का साथ लिखुं….
✍©® बलकार सिंह हरियाणवी