मुलाकात कुछ ऐसी थी मुलाकात कुछ ऐसी थी कि मिलते ही वो बहर हो गई शब कटी फिर तन्हा तन्हा दर्द में भीगी सहर हो गई । अशोक सोनी भिलाई ।