मुर्दों के शहर में
कुछ भी हो जाए लेकिन यहां
कोई फ़र्क नहीं पड़ने वाला!
मुर्दों के शहर में सच के लिए
भला है ही कौन लड़ने वाला!!
ताज़्जुब नहीं, जो गुनहगार
हो जाते हैं बाइज़्ज़त बरी!
अब क्या ख़ाक़ इंसाफ़ करेगा
हुक्मरानों से डरने वाला!!
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#जनवादीकविता #अवामीशायरी
#इंकलाबीशायरी #ईशनिंदा