मुफ़लिसों को मुस्कुराने दीजिए।
गज़ल
2122/2122/212
मुफ़लिसों को मुस्कुराने दीजिए।
बस उन्हें खाने कमाने दीजिए।1
कीजिए अहसान उन पर बस यही,
हर कदम खुल कर बढ़ाने दीजिए।2
जुगनुओं में है अगर चे हौसला,
चांद से नज़रें मिलाने दीजिए।3
लो बुजुर्गों की दुआ तर जाओगे,
आप काशी काबा जाने दीजिए।4
वोट के खातिर खुदा के वास्ते,
हिन्दू मुस्लिम मत लड़ाने दीजिए।5
दोस्तो गुलज़ार होगा ये चमन,
ऋतु बसंती फिर से आने दीजिए।6
प्यार से प्रेमी मिलेंगे देखना,
गीत ग़ज़लें गुनगुनाने दीजिए।7
…….✍️ सत्य कुमार प्रेमी