मुफ़लिसी से वो डर गया होगा ,
मुफ़लिसी से वो डर गया होगा ,
कोई फाक़ों से मर गया होगा ।
आंखें जो हो गई है नम उसकी ।
सब्र-ए-पैमाना भर गया होगा ।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
मुफ़लिसी से वो डर गया होगा ,
कोई फाक़ों से मर गया होगा ।
आंखें जो हो गई है नम उसकी ।
सब्र-ए-पैमाना भर गया होगा ।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद