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14 Apr 2024 · 1 min read

मुट्ठी में आकाश ले, चल सूरज की ओर।

मुट्ठी में आकाश ले, चल सूरज की ओर।
हो जायेगी एक दिन, तेरी भी यूं भोर।।

सूर्यकांत

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