मुट्ठी भर रेत है जिंदगी मुट्ठी भर रेत है जिंदगी तेरा मेरा ख्वाब जिंदगी सोचता हूं, बना लूं मैं भी हसीन इमारत है जिंदगी।। सूर्यकांत