‘हाँ मुझे शोर से समस्या है’
मैं एक विद्यार्थी हूँ । हाँ मुझे लाउडस्पीकर की ऊँची ध्वनि विषय अभ्यास में बाधा उत्पन्न करती है । चिड़चिड़ाहट होने लगती है। परीक्षा के समय अधिक समस्या होती है।एकाग्रता भंग होती है।
मैं अस्वस्थ व्यक्ति हूँ । मैं शोर से अशांत हो जाता हूँ। निन्द्रा में विघ्न पड़ता है । दिल की धड़कन बढ़ने लगती है।
मुझे शांत वातावरण चाहिए।
मैं साधक हूँ । हाँ मुझे प्रात: सायंकाल तीव्र ध्वनि के कारण ध्यान नहीं लगता मन विचलित होता है । मुझे शांत वातावरण चाहिए।
मैं कर्मचारी हूँ। दिनभर कार्य में व्यस्त रहता हूँ। शाम को घर लौटता हूँ। थक जाता हूँ। मुझे सुबह शीघ्र उठकर काम पर जाना होता है। देर रात तक शोर शराबा आराम में खलल डालता है ।
आप उत्सव मनाएं, अनुष्ठान करें, एंजॉय करें पर हमारी शांति न भंग करें। हमको भी शांतिपूर्वक स्वकर्म करने दें । स्वतंत्रता वहीं तक स्वीकृत है जहाँ तक वह दूसरों के जीवन को बाधित न करती हो।
Gn✍ 1-5-22