मुझे मुस्कुराने दो
मेरी खामोशी अपनो को चुभती है ,
मुझे चिल्लाने दो, मुझे मुस्कुराने दो ,
मैं बहता पानी रमता जोगी हूँ ,
जिसका कोई ठिकाना नही ,
मुझे यू वचनों में कैद न करो ,
मेरी हर बात पत्थर की लकीर है ,
जिसे मैंने ही समझा है ,मुझे मुस्कुराने दो ।।……