Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Dec 2022 · 1 min read

मुझे महसूस हो जाते

शिकायत जो भी थी तुमको
वो मिलकर दूर कर लेते ।
मुझे महसूस हो जाते
मुझे महसूस कर लेते ॥

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
8 Likes · 135 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
शीर्षक:इक नज़र का सवाल है।
शीर्षक:इक नज़र का सवाल है।
Lekh Raj Chauhan
दश्त में शह्र की बुनियाद नहीं रख सकता
दश्त में शह्र की बुनियाद नहीं रख सकता
Sarfaraz Ahmed Aasee
मौला   अली  का  कहना  है
मौला अली का कहना है
shabina. Naaz
संघर्ष हमारा जीतेगा,
संघर्ष हमारा जीतेगा,
Shweta Soni
मुलाक़ातें ज़रूरी हैं
मुलाक़ातें ज़रूरी हैं
Shivkumar Bilagrami
*साँसों ने तड़फना कब छोड़ा*
*साँसों ने तड़फना कब छोड़ा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जिंदगी की राहों में, खुशियों की बारात हो,
जिंदगी की राहों में, खुशियों की बारात हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*धरती के सागर चरण, गिरि हैं शीश समान (कुंडलिया)*
*धरती के सागर चरण, गिरि हैं शीश समान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मेरी कहानी मेरी जुबानी
मेरी कहानी मेरी जुबानी
Vandna Thakur
समय बदलता तो हैं,पर थोड़ी देर से.
समय बदलता तो हैं,पर थोड़ी देर से.
Piyush Goel
पितृ दिवस ( father's day)
पितृ दिवस ( father's day)
Suryakant Dwivedi
4457.*पूर्णिका*
4457.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बोट डालणा फरज निभाणा -अरविंद भारद्वाज
बोट डालणा फरज निभाणा -अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
क्यों याद तुमको हम कल करेंगे
क्यों याद तुमको हम कल करेंगे
gurudeenverma198
#जय_महाकाल।
#जय_महाकाल।
*प्रणय*
मां तुम्हारा जाना
मां तुम्हारा जाना
अनिल कुमार निश्छल
वादा
वादा
Bodhisatva kastooriya
बचपन -- फिर से ???
बचपन -- फिर से ???
Manju Singh
तारे हैं आसमां में हजारों हजार दोस्त।
तारे हैं आसमां में हजारों हजार दोस्त।
सत्य कुमार प्रेमी
राष्ट्र निर्माण को जीवन का उद्देश्य बनाया था
राष्ट्र निर्माण को जीवन का उद्देश्य बनाया था
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Don't Be Judgemental...!!
Don't Be Judgemental...!!
Ravi Betulwala
"पिता का घर"
Dr. Kishan tandon kranti
मिथिला बनाम तिरहुत।
मिथिला बनाम तिरहुत।
Acharya Rama Nand Mandal
अपनी नज़र में
अपनी नज़र में
Dr fauzia Naseem shad
मत रो मां
मत रो मां
Shekhar Chandra Mitra
ज़िन्दगी में हर रिश्ते का,
ज़िन्दगी में हर रिश्ते का,
Pramila sultan
अधरों ने की दिल्लगी,
अधरों ने की दिल्लगी,
sushil sarna
सजि गेल अयोध्या धाम
सजि गेल अयोध्या धाम
मनोज कर्ण
समाधान ढूंढने निकलो तो
समाधान ढूंढने निकलो तो
Sonam Puneet Dubey
गांव में जब हम पुराने घर गये,
गांव में जब हम पुराने घर गये,
पंकज परिंदा
Loading...