Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jan 2024 · 1 min read

मुझे मजाक में लो

मुझे मजाक में लो
मुझे सीरियस मत लो
पर
मुझे हल्के और नदारत में
लेने का वहम मत पालना

90 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

बोले सब सर्दी पड़ी (हास्य कुंडलिया)
बोले सब सर्दी पड़ी (हास्य कुंडलिया)
Ravi Prakash
भारत
भारत
Ashwini sharma
मालती सेवैया
मालती सेवैया
Rambali Mishra
माँ।
माँ।
Priya princess panwar
- तेरे झुमके की आवाज सुनकर -
- तेरे झुमके की आवाज सुनकर -
bharat gehlot
फूल चुन रही है
फूल चुन रही है
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
ग़ज़ल- तू फितरत ए शैतां से कुछ जुदा तो नहीं है- डॉ तबस्सुम जहां
ग़ज़ल- तू फितरत ए शैतां से कुछ जुदा तो नहीं है- डॉ तबस्सुम जहां
Dr Tabassum Jahan
लोकतंत्र के प्रहरी
लोकतंत्र के प्रहरी
Dr Mukesh 'Aseemit'
शहर में छाले पड़ जाते है जिन्दगी के पाँव में,
शहर में छाले पड़ जाते है जिन्दगी के पाँव में,
Ranjeet kumar patre
क्या कहें कितना प्यार करते हैं
क्या कहें कितना प्यार करते हैं
Dr fauzia Naseem shad
पैसा ,शिक्षा और नौकरी जो देना है दो ,
पैसा ,शिक्षा और नौकरी जो देना है दो ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
"सिक्का"
Dr. Kishan tandon kranti
पुतले सारे काठ के,
पुतले सारे काठ के,
sushil sarna
पिछले पन्ने 6
पिछले पन्ने 6
Paras Nath Jha
है कौन वहां शिखर पर
है कौन वहां शिखर पर
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
हमारे बुजुर्ग
हमारे बुजुर्ग
Indu Singh
यूं ही नहीं मैंने तेरा नाम ग़ज़ल रक्खा है,
यूं ही नहीं मैंने तेरा नाम ग़ज़ल रक्खा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
4721.*पूर्णिका*
4721.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अधूरे सवाल
अधूरे सवाल
Shyam Sundar Subramanian
नारी
नारी
लक्ष्मी सिंह
********व्हिस्की********
********व्हिस्की********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
लिखना चाहूँ  अपनी बातें ,  कोई नहीं इसको पढ़ता है ! बातें कह
लिखना चाहूँ अपनी बातें , कोई नहीं इसको पढ़ता है ! बातें कह
DrLakshman Jha Parimal
पंक्तियाँ
पंक्तियाँ
प्रभाकर मिश्र
खेल खेल में छूट न जाए जीवन की ये रेल।
खेल खेल में छूट न जाए जीवन की ये रेल।
सत्य कुमार प्रेमी
मील का पत्थर
मील का पत्थर
Nitin Kulkarni
मेरी पुकार
मेरी पुकार
Ahtesham Ahmad
अपने नियमों और प्राथमिकताओं को बहुत स्पष्ट रूप से परिभाषित क
अपने नियमों और प्राथमिकताओं को बहुत स्पष्ट रूप से परिभाषित क
पूर्वार्थ
*रिश्तों का बाजार*
*रिश्तों का बाजार*
Vaishaligoel
वैज्ञानिक प्रबंधन की कहानी
वैज्ञानिक प्रबंधन की कहानी
विक्रम सिंह
#हिन्दुस्तान
#हिन्दुस्तान
*प्रणय*
Loading...