मुझे भुला दो बेशक लेकिन,मैं तो भूल न पाऊंगा।
मुझे भुला दो बेशक लेकिन,मैं तो भूल न पाऊंगा।
भले दूर तुम जाओ लेकिन ,मैं तो इश्क निभाऊंगा।।1
बहुत मुसाफिर राह मिलेंगे, चाहत मिले मुबारक हो।
बिना तुम्हारे सनम बता दो, मैं कैसे जी पाऊंगा।।2
क्या धोखे में खता हुई है कुछ तो सनम बता दो ना।
खता हुई क्या दिल जो पूंछे,इसको क्या बतलाऊंगा।।3
बहते हुए ज़ख्म हैं दिल के, इनको जोर छिपा लूंगा।
लेकिन अश्क जमीं गिरने से,प्रखर रोंक ना पाऊंगा ।।4
कोई झूंठी वजह बता दो , तोहमत सिर पे रख लूंगा।
रुसवाई हो सनम तुम्हारी, सहन नहीं कर पाऊंगा ।।5
सनम बेवफा तुमको कहकर,तोहमत दोस्त लगाएंगे।
सच कहता हूं कसम तुम्हारी, जीते जी मर जाऊंगा।।6
गम की काली घटा घिरे तो, सनम चांद से कह देना।
मैं सावन की बूंदों वाली , बारिश बनकर आऊंगा ।।7