मुझे बेवफा न समझ
मुझे बेवफा न समझ,
सितारों की तरह
हर बार टूटता रहा हूँ
आखिर यूँ
कब तक टूटता रहूँगा
एक दिन अपना
वजूद खो दूँगा
मिल जाऊँगा मैं भी
इस जमीं की खाक में
फिर याद कर सको तो
उन यादों में ढूँढ़ लेना
मेरी बूँद सी वफा भी
जो शायद मिलेगी
तुम्हें दम तोड़ती सी
लेकिन उस वफा में
कोई शिकायत न होगी
तुमसे न तुम्हारे प्यार से
उनमें तुम्हें दिख जाएँगे
वो सुहाने दिन भी
जब तुम कभी
मेरी वफाओं का
दम भरा करती थी
तुम्हें याद आ जाएगा
मेरे इश्क की इंतिहा का
वो मंजर भी
जब बिताए थे तुमने कुछ पल
मेरी मोहब्बत के शामियाने में
तुमने ही तो कहा था
मेरा प्यार तुम्हारी पनाहों में
राहत पाता है
अब कहाँ है सनम वो
एतमाद तुम्हारा
जो तुमने हमारी चाहतों पर
दिखाया था।
सोनू हंस