मुझे बेटी बनना है
ना ईश, अब तो मुझे बेटी हि बनना है,
दन्द देने उन दरिंदों को
सुन ईश, तुमसे करनी है बात एक
तुम रेहना साथ मेरे हर कदम में
ताकि , मैं हारु नहीं हिम्मत
इस दुनिया कि झंझट से
पर विनती है तुमसे, ना देना तुम उपदेश
गीता रामायण का
सायद मैं पर जाऊं कमजोर
सुन उन सत्य वचन को
ना ईश, मुझे कमजोर ना होने देना
यह है जिम्मेदारी तुम्हारी
ना ईश, अब तो संसार कि नहीं
मुझे है जरुरत तुम्हारी
पर तुम मना ना करना
साथ मेरे रहने में
हां ईश, मुझे बेटी हि बनना है