मुझे फुरसत से मिलना है तुमसे…
मुझे फुरसत से मिलना है तुमसे…
जल्दबाजी में अक्सर गलतियां करता हु मैं।
यूं तो बहुत बोलता हूँ मैं, बस एक तेरे सामने ही चुप रहता हूँ मैं।
अब कोई जगह बची नहीं इस शहर में।
तुमसे मिलने के लिए महफूज़।
किसी नए शहर में अपना बसेरा ढूंढता हूँ मैं।
मुझे फुरसत से मिलना है तुमसे…
जल्दबाजी में अक्सर गलतियां करता हूँ मैं।
बदलता दौर है यह जिंदगी का..
वक्त इतना भी नही ही अपने पास।
एक दिन तो मिलेंगे जरूर हम।
पर थोड़ा ठहरना पड़ेगा तुम्हें ।
क्योंकि…….
मुझे फुरसत से मिलना है तुमसे…
और जल्दबाजी में अक्सर गलतियां करता हू मैं ।
– Dear diary with Pratik jangid