मुझे प्यार करना सिखा दो ज़रा
गज़ल
काफ़िया- आ
रद़ीफ- दो ज़रा
122……122……122……12
तुम्हें कैसे् चाहूँ बता दो जरा!
मुझे प्यार करना सिखा दो जरा!
ते्रे दिल में आने की तरकीब क्या,
मे्रे दिल में आकर बता दो जरा!
नशा कोइ मुझको न भाया कभी,
बहक जाउॅं लब से पिला दो जरा!!
वो् भौंरा जो खुशबू से गुल तक गया,
वो क्यों ना मज़ा ले बता दो ज़रा!
करूँ दिन मे्ं दीदार मैं चांद का,
कि रुख से ये् पर्दा हटा दो जरा!
ये मायूसियां यार कुछ कम तो् हों,
कि मय जाम शाकी सजा दो जरा!
मैं प्रेमी हुॅं तेरा तो क्यों ना मिलूँ,
ये क्या माज़रा है बता दो जरा!
……. ✍ प्रेमी
16 जून, 2021