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20 May 2017 · 1 min read

मुझे तो बस तेरी खामियों से ही प्यार है,

सुधर भी जाये ये जमाना तो मेरे किस काम का,
मुझे तो बस तेरी खामियों से ही प्यार है,
बिखर जाये टूट कर आईने की तरह चाहे दिल,
मुझे तो फिर भी तेरी चाहत पे ऐतबार है,
असर होना जरूरी है सौबत का भी मगर,
मुझे तो तेरी जुदाई में भी करार है,
शहर होते होते गुजर जाती है तेरी याद भी,
मुझे फिर भी तेरी आहट का इंतजार है,

Language: Hindi
613 Views
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