मुझे चाहिए बेटी कल्पना सी
मुझे चाहिए फिर से बेटी कल्पना और बेटा कलाम
जलजला बनकर तो आये फिर से राम और रहमान
आदेश दे दो हम रावलपिंडी तक तिरंगा लहरा देंगे
कदमो में जमाना होगा क्या औकात तेरी पाकिस्तां
अशोक सपड़ा की कलम से दिल्ली से
मुझे चाहिए फिर से बेटी कल्पना और बेटा कलाम
जलजला बनकर तो आये फिर से राम और रहमान
आदेश दे दो हम रावलपिंडी तक तिरंगा लहरा देंगे
कदमो में जमाना होगा क्या औकात तेरी पाकिस्तां
अशोक सपड़ा की कलम से दिल्ली से