— मुझे ख्वाब न दिखाओ —
हकीकत की जिन्दगी में जो मजा है
मुझे वो जिन्दगी जी लेने दो
दिखा कर नए ख्वाब पल भर के
हकीकत से दूर न होने दो
मैं सपनो में नही जीना चाहता
जो एक पल में बिखर जाते हैं
मैं कर सकता हूँ सब कुछ
मुझे उस पल में ही रहने दो
क्या नही कर सकता हूँ मैं
सारा जमाना जो है मेरे अंदर
मैने सब कुछ देखा है जिन्दगी में
मेरी जिन्दगी को न बिखर जाने दो
आज नही तो कल सब कुछ होगा
बस बीता हुआ पल न वापिस होगा
कर के दिखा दूंगा जमाने को सब कुछ
मेरा भी वो वक्त पास तो आने दो
अजीत कुमार तलवार
मेरठ