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22 Jul 2024 · 1 min read

मुझे इमकान है

मुझे इमकान है
तू आज भी न आएगा
हर रात की तरह
फिर भी जागना है मुझे
तेरा करम देखा
तेरा सितम देख रहा हूँ मैं
अब और क्या बाकी है
दुनियाँ में, जिसे
देखने को जिन्दा बाकी हूँ मैं!!!!

हिमांशु Kulshrestha

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