बालिका दिवस
जो मांगे समान दो,
बेटा जैसा मान दो।
कोई कोताही न करो कभी,
खुला खुला आसमान दो।
टक्कर का जमाना है,
जीतकर मंजिल पाना है।
माता पिता की परी है वो,
मौका मिले तो खरी है वो।
बालिका दिवस का यही उपहार,
बेटे सम करो दिल से प्यार।
वह खूब आगे जाएगी,
बस एक सहज उड़ान दो।