#मुझको भी एक बात आज बतानी है तुमको
मुझको भी एक बात आज बतानी है तुमको
कुछ गजलें लिखी है वो सुनानी है तुमको
रक्खो अगर संभाल के इन यादों को मेरी
कुछ लम्हें और यादें ही मेरी निशानी है तुमको
कभी मुश्किलात में याद तुम्हें किया नही मैंने
खुशियों की कहानियाँ आज सुनानी है तुमको
लोग कई आए-गए मगर उनमें वो बात नही
जो है तेरी एहमियत आज जतानी है तुमको
आईनें ने देखा है जिसकी आँखों को रोज रोते
‘कपिल’ की वो सच्चाई आज बतानी है तुमको
**##कपिल जैन##**