मुजरिम !
जब भी इस दौर का इतिहास लिखा जाएगा
एक-एक कर के हम सब को शामिल किया जाएगा।
हथियार उठाने वाला हाँथ उनका सही, देखने वाले हम भी थे
भला चुप्पी को हौसला आफ़ज़ाई क्यूँ न बतलाया जाएगा।
जुल्म किया जिसने उसे अगर मुजरिम लिखा जाएगा
तो हमें मुजरिम का वाइस भला क्यूँ न लिखा जाएगा।
वक्त आने दो हम सब मुजरिमों में ही गिने जाएंगे
हमारी चुप्पी के दम पे हमें गुनहगार ही दिखाया जाएगा !
…सिद्धार्थ…
वाइस=प्रतिनिधि के रूप में काम करनेवाला व्यक्ति।