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30 Aug 2021 · 1 min read

मुखौटा

हर चेहरे के पीछे छिपा
मुखौटा
पल – प्रतिपल बदल
दूसरा
पहचान नई देता है

रंग बदलती दुनियाँ में
बिकता
दर्द मुखौटे का
आसपास
घर बाहर और दूर

लेकिन दिलासा देते
बहलाते है
इसलिए तो मुझे भाते
बेफिकर
ये मुखौटे दुनियाँ से

दुनियाँ भी रंगमंच है
पहने विचित्र
मुखौटे यहाँ पर
गजब ढा रहे है लोग
बदल चेहरे

जोकर भी हँसाता
अजीबोगरीब
लगा के मुखौटे
जितना हँसता है वो
पाले उतना दर्द

Language: Hindi
79 Likes · 1 Comment · 369 Views
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