मुखिया गिरफ्तार
सखा परी प्रेम प्रीत में मुखिया गिरफ्तार
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सखा परी प्रेम प्रीत में मुखिया गिरफ्तार,
न जाने कब थे मिले कोमल प्रेम के तार।
चुनाव अभियान यान में बैठा था सरदार,
करते हुए प्रचार गोरी संग हो गया प्यार।
गुपचुप खिचडी पकी प्रेमी दिल गए हार,
कानो कान खबर नही सरदार असरदार।
सत्ता की कुर्सी संग मिला प्रेम – उपहार,
प्रेम रोग की गोद मे गिरफ्त हुए सरदार।
टूटे सपने बिखरे अरमान फिर से साकार,
पंजीकरण रद्द हुआ नवीनीकरण परिवार।
उलझे दो प्रदेशों के भी मुद्दे होंगे नैया पार,
भाईचारा-रिस्तेदारी नाते पकड़ेगें रफ्तार।
मनसीरत विपक्षी मुद्दे भी हों दरकिनार,
खुशी-खुशी प्रेमभाव चले विपक्ष-सरकार।
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सुखविन्द्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)