मुक्त
१.
अब कोई मेरी सारी सुबहों में सूर्य ग्रहण लगा दो
मगर सारी बेटियों के मन आंगन में धूप खिलने दो !
…सिद्धार्थ
२.
तू नीम नींद से जागेगा भी, भूख से तू रोयेगा भी
पर तेरा जागना होगा मेरे शब-भर सोने के बाद
अपने ही हांथों मुझको खोकर खुद को तू पायेगा भी !
…सिद्धार्थ
३.