मुक्त दास
++
इस दुनिया में
कुछ भी समझ से बाहर नहीं है
लेकिन।।।।
अबोधगम्य
कई हैं ….
अगर यह समझ में आता है
हम जो हैं
हम समझेंगे
यह समझ से बाहर है
जीवन के संघर्ष में होना
अटक गया और ठोकर खा गया
जैसे-जैसे दिशा बदलती है
हम खुद
समझने में असमर्थ और साथ ही
बहुत सी बातें
पता नहीं
हम अज्ञानी हैं
अनु डेली
हमें पता चल रहा है
स्वयम
मुक्त गुलामों के रूप में …
+ ओट्टेरी सेल्वा कुमार
25/13, शांतियप्पा स्ट्रीट,
ओटेरी, चेन्नई