Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jan 2023 · 1 min read

मुक्ती

ख्वाबो में रहने वाली मेरी जान हो तुम। दुनिया से बेखबर मेरी ईमान हो तुम।
चन्द लम्हे भले दूर हुए थे हम, जुबां अगर खोल दूं क़माल हो तुम।। तुम तकदीर हो हमारी ख़ुदा की कसम। जान हो हमारी प्यार कि मिशाल हो तुम। रम्भा भले रिंझाई हो विश्वामित्र को फर्क नहीं,
परियों से खुबसूरत हमारे ख्वाब हो तुम।।
इत्तफाक कहुं मुझे मिल गए हो तुम । ज़िन्दगी से प्यारे मेरे दिल के पास हो तुम।
ये क्या कम है, खुली बहार हो तुम।
इस नश्वर संसार में मेरे अरमान हो तुम।।
स्वरचित:-सुशील कुमार सिंह “प्रभात”

Language: Hindi
1 Like · 207 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जुदाई - चंद अशआर
जुदाई - चंद अशआर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
"ये कैसा ख्वाब "
Dr. Kishan tandon kranti
सुंदरता अपने ढंग से सभी में होती है साहब
सुंदरता अपने ढंग से सभी में होती है साहब
शेखर सिंह
Y
Y
Rituraj shivem verma
सफ़र ख़ामोशी का
सफ़र ख़ामोशी का
हिमांशु Kulshrestha
कैसी ये पीर है
कैसी ये पीर है
Dr fauzia Naseem shad
विकल्प
विकल्प
Dr.Priya Soni Khare
कौन  किसको पूछता है,
कौन किसको पूछता है,
Ajit Kumar "Karn"
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दीपावली पर केन्द्रित कुछ बुंदेली हाइकु कविता
दीपावली पर केन्द्रित कुछ बुंदेली हाइकु कविता
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सच्चे रिश्ते वही होते है जहा  साथ खड़े रहने का
सच्चे रिश्ते वही होते है जहा साथ खड़े रहने का
पूर्वार्थ
लोग मुझे अक्सर अजीज समझ लेते हैं
लोग मुझे अक्सर अजीज समझ लेते हैं
सिद्धार्थ गोरखपुरी
3768.💐 *पूर्णिका* 💐
3768.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बाल गोपाल
बाल गोपाल
Kavita Chouhan
एक तो धर्म की ओढनी
एक तो धर्म की ओढनी
Mahender Singh
Ice
Ice
Santosh kumar Miri
“मधुरबोल”
“मधुरबोल”
DrLakshman Jha Parimal
मेरे पास, तेरे हर सवाल का जवाब है
मेरे पास, तेरे हर सवाल का जवाब है
Bhupendra Rawat
चुनाव आनेवाला है
चुनाव आनेवाला है
Sanjay ' शून्य'
"सलाह" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
देखिए आप आप सा हूँ मैं
देखिए आप आप सा हूँ मैं
Anis Shah
भगवान की पूजा करने से
भगवान की पूजा करने से
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
जरुरी नहीं कि
जरुरी नहीं कि
Sangeeta Beniwal
मां लक्ष्मी कभी भी जुआरिओ के साथ नही बल्कि जोहरीओ के साथ रहत
मां लक्ष्मी कभी भी जुआरिओ के साथ नही बल्कि जोहरीओ के साथ रहत
Rj Anand Prajapati
दर्द देह व्यापार का
दर्द देह व्यापार का
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
मां इससे ज्यादा क्या चहिए
मां इससे ज्यादा क्या चहिए
विकास शुक्ल
कृष्ण मुरारी आओ
कृष्ण मुरारी आओ
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
*यह  ज़िंदगी  नही सरल है*
*यह ज़िंदगी नही सरल है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अब हम उनके करीब से निकल जाते हैं
अब हम उनके करीब से निकल जाते हैं
शिव प्रताप लोधी
Loading...