Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jul 2024 · 1 min read

मुक्ति

अगर बाँधोगे मुझे बंधनों में
तो सच कहती हूँ
उड़ जाऊँगी
मैं मोक्ष के चिंतन की हूँ उत्तराधिकारणी
तुम्हारी पैंदी बातों से उकता जाऊँगी
चाहो तो एक बार उड़ो मेरे साथ
मन को विचरने दो
इसके भेद खुलने दो
हज़ारों सालों से बंद पड़ी है
ये किताब
इसके एक एक पन्ने को बोलने दो ।

शशि महाजन- लेखिका

85 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Let's Fight
Let's Fight
Otteri Selvakumar
Good Night
Good Night
*प्रणय*
कोई वजह अब बना लो सनम तुम... फिर से मेरे करीब आ जाने को..!!
कोई वजह अब बना लो सनम तुम... फिर से मेरे करीब आ जाने को..!!
Ravi Betulwala
पिता
पिता
Shweta Soni
जीवनसाथी  तुम ही  हो  मेरे, कोई  और -नहीं।
जीवनसाथी तुम ही हो मेरे, कोई और -नहीं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
दीवारों में खो गए,
दीवारों में खो गए,
sushil sarna
साक्षात्कार- पीयूष गोयल लेखक
साक्षात्कार- पीयूष गोयल लेखक
Piyush Goel
शिद्दतों   का    ख़ुमार    है   शायद,
शिद्दतों का ख़ुमार है शायद,
Dr fauzia Naseem shad
तन्हाईयां सुकून देंगी तुम मिज़ाज बिंदास रखना,
तन्हाईयां सुकून देंगी तुम मिज़ाज बिंदास रखना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"अनुवाद"
Dr. Kishan tandon kranti
कमियाबी क्या है
कमियाबी क्या है
पूर्वार्थ
जीवन की धूल ..
जीवन की धूल ..
Shubham Pandey (S P)
यूं ही हमारी दोस्ती का सिलसिला रहे।
यूं ही हमारी दोस्ती का सिलसिला रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
तुमसे जो मिले तो
तुमसे जो मिले तो
हिमांशु Kulshrestha
सीने पर थीं पुस्तकें, नैना रंग हजार।
सीने पर थीं पुस्तकें, नैना रंग हजार।
Suryakant Dwivedi
ख़ियाबां मेरा सारा तुमने
ख़ियाबां मेरा सारा तुमने
Atul "Krishn"
मूँछ पर दोहे (मूँछ-मुच्छड़ पुराण दोहावली )
मूँछ पर दोहे (मूँछ-मुच्छड़ पुराण दोहावली )
Subhash Singhai
पसंद उसे कीजिए जो आप में परिवर्तन लाये क्योंकि प्रभावित तो म
पसंद उसे कीजिए जो आप में परिवर्तन लाये क्योंकि प्रभावित तो म
Ranjeet kumar patre
रूपमाला
रूपमाला
डॉ.सीमा अग्रवाल
लागेला धान आई ना घरे
लागेला धान आई ना घरे
आकाश महेशपुरी
*दिनचर्या*
*दिनचर्या*
Santosh Soni
फुटपाथों पर लोग रहेंगे
फुटपाथों पर लोग रहेंगे
Chunnu Lal Gupta
संवेदनाएं
संवेदनाएं
Dr.Pratibha Prakash
రామయ్య మా రామయ్య
రామయ్య మా రామయ్య
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
"" *प्रताप* ""
सुनीलानंद महंत
3384⚘ *पूर्णिका* ⚘
3384⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
"साहित्यकार और पत्रकार दोनों समाज का आइना होते है हर परिस्थि
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
ग़ज़ल _ पास आकर गले लगा लेना।
ग़ज़ल _ पास आकर गले लगा लेना।
Neelofar Khan
*जीवन में जो पाया जिसने, उस से संतुष्टि न पाता है (राधेश्याम
*जीवन में जो पाया जिसने, उस से संतुष्टि न पाता है (राधेश्याम
Ravi Prakash
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
Loading...