मुक्ति मोक्ष कैवल्य (कुण्डलिया)
* कुण्डलिया *
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सत्य साधना से मिले, मुक्ति मोक्ष कैवल्य।
मानव जीवन का यही, है अति पावन लक्ष्य।
है अति पावन लक्ष्य, कीजिए इसी लिए श्रम।
स्वप्न करें साकार, मिटेगा मिथ्या हर तम।
कदम बढ़ाते नित्य, राह सेवा जो अपना।
होती सफल अवश्य, उन्हीं की सत्य साधना।
~२~
मार्ग मुक्ति का है सुखद, जीवन का आधार।
इसी हेतु मिल जुल सभी, सदा रहें तैयार।
सदा रहें तैयार, काम सुख दुख में आएं।
इक दूजे के संग, स्नेह सद्भाव बनाएं।
बात यही है सत्य, भाव रखना विरक्ति का।
लोभ मोह से दूर, मिलेगा मार्ग मुक्ति का।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, ०९/०३/२०२१