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27 Oct 2024 · 1 min read

मुक्ताहरा सवैया

मुक्ताहरा सवैया
जगण×८(१२१)

प्रसिद्धि मिले जग में उसको जिसने शुभ कार्य किए यह जान।
विकास हुआ उसका नित ही पथ दुर्गम भी चलता मन ठान।
अदम्य सुसाहस हो मन में सद चिंतन का रखता नित ध्यान।
सुधीर वही रणवीर वही बनता जग में वह नित्य महान।

कामिनी मिश्रा अनिका कानपुर

Language: Hindi
1 Like · 17 Views
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