मुक्ताहरा सवैया
मुक्ताहरा सवैया
जगण×८(१२१)
प्रसिद्धि मिले जग में उसको जिसने शुभ कार्य किए यह जान।
विकास हुआ उसका नित ही पथ दुर्गम भी चलता मन ठान।
अदम्य सुसाहस हो मन में सद चिंतन का रखता नित ध्यान।
सुधीर वही रणवीर वही बनता जग में वह नित्य महान।
कामिनी मिश्रा अनिका कानपुर