मुक्तामणि छंद की परिभाषा व रचनाक्रम” :इंजी. अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’
मुक्तामणि छंद में ही इस छंद की परिभाषा
(चार पद प्रत्येक में २५ मात्रा व १३-१२ मात्राओं पर यति, पदांत में दो गुरु या कर्णा)
चार पदों का छंद यह, सुंदर सहज सुवर्णा.
मात्रायें पच्चीस शुभ, अंत लगायें कर्णा.
तेरह बारह यति रहे, स्नेह गंग जलधारा.
रचिए ‘मुक्तामणि’ मधुर, मनभाये गुरुद्वारा..
–इं० अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’