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10 Dec 2019 · 1 min read

राम

पंचचामर छंद (मापनी युक्त मात्रिक)
विधान – 2121 2121 2121 212

जो कभी गुमान दंभ, भूल से नहीं किया।
प्रात काल राम नाम,नित्य प्रेम से लिया।
धर्म-कर्म, भक्ति-भाव, सिर्फ संग में रहा-
मृत्यु लोक भोग अंत, स्वर्ग में वही गया।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

Language: Hindi
177 Views
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