Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Dec 2024 · 1 min read

मुक्तक __

मुक्तक __
बहुत अजीज़ शख्स का, मिज़ाज मर्ज़ की तरह ,
न छोड़ता , न रूठता , टिका है क़र्ज़ की तरह ,
अदा से वो निभा रहा , न जा रहा है दूर वो ,
बसा है रूह में हबीब , बन के फ़र्ज़ की तरह ।
✍️नील रूहानी…..
03/12/2024,,,,,,,,,,,🥰

27 Views

You may also like these posts

4074.💐 *पूर्णिका* 💐
4074.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
देश के रास्तों पर शूल
देश के रास्तों पर शूल
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"" *माँ की ममता* ""
सुनीलानंद महंत
जिंदगी जी लो
जिंदगी जी लो
Ruchika Rai
ये सच है कि सबसे पहले लोग
ये सच है कि सबसे पहले लोग
Ajit Kumar "Karn"
आज मैया के दर्शन करेंगे
आज मैया के दर्शन करेंगे
Neeraj Mishra " नीर "
कोई तो मेरा अपना होता
कोई तो मेरा अपना होता
Juhi Grover
जग की सारी बन्दिशें, चलो तोड़ दें आज ।
जग की सारी बन्दिशें, चलो तोड़ दें आज ।
sushil sarna
*** कुछ पल अपनों के साथ....! ***
*** कुछ पल अपनों के साथ....! ***
VEDANTA PATEL
“Don't give up because of one bad chapter in your life.
“Don't give up because of one bad chapter in your life.
Neeraj kumar Soni
/ आसान नहीं है सबको स्वीकारना /
/ आसान नहीं है सबको स्वीकारना /
Dr.(Hnr). P.Ravindra Nath
जीवन को आसानी से जीना है तो
जीवन को आसानी से जीना है तो
Rekha khichi
रोटी
रोटी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
केवल माँ कर सकती है
केवल माँ कर सकती है
Vivek Pandey
यूं सजदे में सर झुका गई तमन्नाएं उसकी,
यूं सजदे में सर झुका गई तमन्नाएं उसकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मनोव्यथा
मनोव्यथा
मनोज कर्ण
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
- कवित्त मन मोरा
- कवित्त मन मोरा
Seema gupta,Alwar
"सावित्री बाई फुले"
Dr. Kishan tandon kranti
अकेला गया था मैं
अकेला गया था मैं
Surinder blackpen
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
तुम्हारी दुआ।
तुम्हारी दुआ।
सत्य कुमार प्रेमी
शुभमाल छंद
शुभमाल छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ग़म कड़वे पर हैं दवा, पीकर करो इलाज़।
ग़म कड़वे पर हैं दवा, पीकर करो इलाज़।
आर.एस. 'प्रीतम'
चलो हम तो खुश नहीं है तो ना सही।
चलो हम तो खुश नहीं है तो ना सही।
Annu Gurjar
मुझ से दो दिन अलग रही है तू
मुझ से दो दिन अलग रही है तू
Sandeep Thakur
"उसने जो मुझ को बुलाया नहीं तो कुछ भी नहीं।
*प्रणय*
sp117 जब मानव देह
sp117 जब मानव देह
Manoj Shrivastava
आओ मिलकर हंसी खुशी संग जीवन शुरुआत करे
आओ मिलकर हंसी खुशी संग जीवन शुरुआत करे
कृष्णकांत गुर्जर
वर्षभर की प्रतीक्षा उपरान्त, दीपावली जब आती है,
वर्षभर की प्रतीक्षा उपरान्त, दीपावली जब आती है,
Manisha Manjari
Loading...