Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Oct 2024 · 1 min read

मुक्तक _ चाह नहीं,,,

मुक्तक
22 22 22 22 22 2

चाह नहीं मुझे , ऊँची शायरा बनूं मैं,
बस अपनों के लिए , इक मायरा बनूं मैं ,
साथ दोस्त हों ,साथ ज़िंदगी हो सबकी ,
मिलकर समाज के लिए, दायरा बनूं मैं ।

✍️नील रूहानी,,,16/10/2024,,,,
( नीलोफर खान )

1 Like · 21 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नादान परिंदा
नादान परिंदा
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
पहला श्लोक ( भगवत गीता )
पहला श्लोक ( भगवत गीता )
Bhupendra Rawat
"हैसियत"
Dr. Kishan tandon kranti
ना अश्रु कोई गिर पाता है
ना अश्रु कोई गिर पाता है
Shweta Soni
संवेदनाएं
संवेदनाएं
Dr.Pratibha Prakash
मौसम और कुदरत बर्फ के ढके पहाड़ हैं।
मौसम और कुदरत बर्फ के ढके पहाड़ हैं।
Neeraj Agarwal
यादों से निकला एक पल
यादों से निकला एक पल
Meera Thakur
स्क्रीनशॉट बटन
स्क्रीनशॉट बटन
Karuna Goswami
4301.💐 *पूर्णिका* 💐
4301.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मन चाहे कुछ कहना .. .. !!
मन चाहे कुछ कहना .. .. !!
Kanchan Khanna
I met myself in a weed-flower field,
I met myself in a weed-flower field,
Manisha Manjari
चुनाव में मीडिया की भूमिका: राकेश देवडे़ बिरसावादी
चुनाव में मीडिया की भूमिका: राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
शायद खोना अच्छा है,
शायद खोना अच्छा है,
पूर्वार्थ
शंकरलाल द्विवेदी द्वारा लिखित मुक्तक काव्य।
शंकरलाल द्विवेदी द्वारा लिखित मुक्तक काव्य।
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
इबारत जो उदासी ने लिखी है-संदीप ठाकुर
इबारत जो उदासी ने लिखी है-संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
"अमरूद की महिमा..."
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
ऋतु परिवर्तन
ऋतु परिवर्तन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मैं इन्सान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है
मैं इन्सान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है
VINOD CHAUHAN
मुहब्बत तो दिल की सियासत पर होती है,
मुहब्बत तो दिल की सियासत पर होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"प्यासा"के गजल
Vijay kumar Pandey
मुकम्मल हो नहीं पाईं
मुकम्मल हो नहीं पाईं
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
जब मेरा अपना भी अपना नहीं हुआ, तो हम गैरों की शिकायत क्या कर
जब मेरा अपना भी अपना नहीं हुआ, तो हम गैरों की शिकायत क्या कर
Dr. Man Mohan Krishna
फिकर
फिकर
Dipak Kumar "Girja"
मेरी दुनिया उजाड़ कर मुझसे वो दूर जाने लगा
मेरी दुनिया उजाड़ कर मुझसे वो दूर जाने लगा
कृष्णकांत गुर्जर
"गुरु पूर्णिमा" की हार्दिक शुभकामनाएं....
दीपक श्रीवास्तव
!! ये सच है कि !!
!! ये सच है कि !!
Chunnu Lal Gupta
शायरी
शायरी
गुमनाम 'बाबा'
मुझे  पता  है  तू  जलता  है।
मुझे पता है तू जलता है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
प्रेम जीवन धन गया।
प्रेम जीवन धन गया।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
Loading...