मुक्तक
मेरी आरज़ू मेरा मुकाम तुम हो।
मेरी मंज़िल मेरा अंज़ाम तुम हो।
तुमसे ही हासिल है मेरी हर ख़ुशी-
मेरी हर सुबह मेरी शाम तुम हो।
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
मेरी आरज़ू मेरा मुकाम तुम हो।
मेरी मंज़िल मेरा अंज़ाम तुम हो।
तुमसे ही हासिल है मेरी हर ख़ुशी-
मेरी हर सुबह मेरी शाम तुम हो।
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय